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Sunday, 21 August 2022

जानिए कौन हैं निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह, नीतीश कुमार ने दुबारा बनाया मंत्री


पटना/बिहार (Patna/Bihar), 21 अगस्त : बिहार में नीतीश कुमार एक बार फिर पाला बदल चुके हैं और आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं. इस आठवीं बार के मुख्यमंत्री पद के लिए वो फिर महागठबंधन के साथ आये हैं. डिप्टी सीएम के रूप में फिर से लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव ने शपथ ली है.

महागठबंधन के इस दूसरी सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार हो चुका है. जमुई के चकाई से निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह को भी नीतीश कैबिनेट में मंत्री बनाया गया है.
(वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय जीत के बाद पिता नरेंद्र सिंह के साथ सुमित कुमार सिंह)
सुमित कुमार सिंह बिहार के कद्दावर नेता रहे दिवंगत नरेंद्र सिंह के बेटे हैं. 2020 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय जीतने वाले वे एकमात्र विधायक हैं. नरेंद्र सिंह बिहार सरकार में लंबे समय तक मंत्री रहे. इसी वर्ष उनका बीमारी की वजह से निधन हो गया.

जब नीतीश कुमार सातवीं बार मुख्यमंत्री बने तो सुमित कुमार सिंह एनडीए सरकार में भी मंत्री थे. सुमित कुमार सिंह के दादा स्वतंत्रता सेनानी, कुशल राजनीतिज्ञ स्व श्रीकृष्ण सिंह भी चकाई विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक रहे हैं.

स्वतंत्रता संग्राम में अहम योगदान देने वाले श्रीकृष्ण सिंह ने राजनीतिक जीवन में भी परचम लहाराया था. अंग्रेजों द्वारा उन्हें जिंदा या मुर्दा पकड़ने वालों को पांच हजार रुपया इनाम देने की घोषणा की गयी थी. देश को आजादी दिलाने के बाद वे वर्ष 1962 में झाझा विधानसभा से विधायक बने. इसके बाद वर्ष 1967, वर्ष 1969 में पुन: चुनाव जीतकर उन्होंने प्रदेश सरकार में पथ परिवहन विभाग, पीएचडी और पशुपालन विभाग का मंत्री संभाला था. वर्ष 1967 के भीषण अकाल में उन्होंने लोगों के बीच बहुत सक्रिय होकर काम किया था.
(महागठबंधन सरकार में मंत्री पद की शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी का अभिवादन करते सुमित कुमार सिंह)
जेएनयू के छात्र रहे सुमित कुमार सिंह छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय हो गये थे. उन्होंने पहली बार वर्ष 2010 में चकाई विधानसभा से झारखंड मुक्ति मोर्चा के टिकट पर चकाई से ही चुनाव जीता था.

वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में जनता दल (यूनाइटेड) ने सुमित कुमार सिंह को टिकट नहीं दिया, जिसके बाद वे निर्दलीय चुनाव लड़े और पराजित हो गये.
(वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में जीत का सर्टिफिकेट लेते सुमित कुमार सिंह. वर्ष 2020 में निर्दलीय जीतने वाले सुमित बिहार के इकलौते विधायक हैं)
वर्ष 2020 के चुनाव में वे जदयू से टिकट की उम्मीद में थे, लेकिन अंतिम समय में टिकट न मिलने पर वे निर्दलीय ही चुनाव मैदान में उतरे और चकाई से जीत हासिल की. वर्ष 2020 में वह बिहार में निर्दलीय विधायक बनने वाले एकलौते विधायक हैं.

वर्ष 2020 में बिहार में एनडीए की सरकार में सुमित कुमार सिंह को नीतीश कुमार ने मंत्री बनाया. उन्हें विज्ञान एवं प्रावैधिकी मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई. सुमित को सारण जिले का प्रभारी मंत्री बनाया गया.
(महागठबंधन सरकार में मंत्री पद की शपथ लेने के बाद महामहिम राज्यपाल का अभिवादन करते सुमित कुमार सिंह)
वर्ष 2022 में जब नीतीश कुमार ने पाला बदला और एक बार फिर महागठबंधन के तहत सात राजनीतिक दलों के समर्थन से सरकार बनाई तो मजबूत बहुमत होने के बाद भी निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह को मंत्री बनाया. उन्हें फिर से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ही बनाया गया है. और तो और, फिर से उन्हें सारण जिले का ही प्रभारी मंत्री बनाया गया है.

सुमित कुमार सिंह की पढ़ाई जेएनयू से हुई है. उनके दिवंगत भाई अभय कुमार सिंह बिहार और जमुई की राजनीति के उभरते सितारे थे. लेकिन असमय उनके निधन के बाद उनके भाई अजय प्रताप और सुमित कुमार सिंह ने राजनीति में पदार्पण किया. इन दोनों में सुमित ने अपने दादा की पहचान, पिता के मार्गदर्शन और अपनी कुशल राजनीतिक सोच से अपनी अलग ही पहचान बना चुके हैं.

सुमित कुमार सिंह की पहचान पूरे बिहार में है. अपने गृह जिले जमुई की राजनीति पर उनकी मजबूत पकड़ है.

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