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Saturday, 20 August 2022

जानें नीतीश कुमार के बारे में अनसुनी बातें और उनका राजनीतिक सफर

नीतीश कुमार का जन्म 1 मार्च 1951 को नालंदा के एक छोटे से गांव बख्तियारपुर में राम लखन सिंह के घर हुआ था। उनके पिता राम लखन सिंह गांधीवादी विचारधारा केसे और सांस में एक नामी आयुर्वेदाचार्य भी थे। राम लखन लखन सिंह ने अपने इस पुत्र का नाम नीतीश कुमार रखा यानी कृष्ण इसका दूसरा भी अर्थ होता है सही रास्ते पर चलने वाला। नितीश कुमार को प्यार से लोग मुन्ना कहा करते थे। उनके पिता जब आयुर्वेद की दवा करते थे तो खाली समय में यह मुन्ना भी उनका हाथ बंटाता था। अपने पिता के साथ काम करते करते हैं उन्हें भी दवाइयों का ज्ञान हो गया था। आदमियों के नव पकड़ते पकड़ते कुछ दिन बाद राजनीति का भी नब्ज पकड़ने लगे।

  • अनसुनी कहानी

नीतीश कुमार बचपन में बहुत ही नटखट हुआ करते थे। नितीश कुमार जिस घर में रहते थे उसके अंदर ही इटवा हुआ करता था। नीतीश कुमार काफी शरारती थे इसलिए कुए के आसपस जो कोई चीज उन्हें मिलती जैसे थाली गिलास उस सब को उठा कर कुएं में डाल दिया करते थे। जब उनकी मां उस थाली अगिलास को ढूंढती तो पता नहीं चलता और नीतीश भी उसके बारे में कुछ नहीं बताते थे। 1 साल के बाद जब उस कुएं का उराह होता था तो उ सारी चीजें हुआ से निकाली जाती थी तब उनकी मां को पता लग गया 19 को में डालता है।

नीतीश कुमार बचपन में खाली समय में अपने दोस्तों के साथ गिल्ली डंडा खेला करते थे। खेल खेल में जब दोस्तों में लड़ाई झगड़ा हो जाता था तो एक पेड़ के नीचे नीतीश कुमार सरपंच बन कर उनके लड़ाई झगड़ों का समाधान करते थे। यानी नेतृत्व करने का गुण उनके अंदर बचपन से ही था।

  • नीतीश कुमार की शिक्षा

नीतीश कुमार की शिक्षा की बात करें तो वह गांव के बख्तियारपुर से ही गणेश उच्च विद्यालय में 10वीं तक पढ़ाई की। जब वह मैट्रिक की तैयारी कर रहे थे तो उसी समय भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की निधन हो गई जब उसने 3:00 बजे सुबह में यह खबर सुनी तो अपने टीचर के पास जाकर उनके दरवाजा खटखटाने लगे। टीचर ने पूछा कौन है तो बोले नीतीश टीचर ने कहा क्या बात है इतनी सुबह आए तो नीतीश कुमार ने बोला कि शास्त्री जी की निधन हो गई टीचर ने पूछा कैसे पता लगा तो नीतीश ने बोला रेडियो पर सुना हूं। हाथी कुछ उनकी रोचक बातें।

नीतीश कुमार गणेश उच्च विद्यालय से मैट्रिक की परीक्षा जब दे रहे थे तो उनके हाथ से काफी छीन लिया गया क्योंकि समय हो गया था इस बात का नीतीश कुमार को बहुत दुख हुआ क्योंकि वह 100 में 100 नंबर नहीं ला सके। जब वह मुख्यमंत्री बने तो आदेश दिया कि बच्चों को समय सीमा से 15 मिनट का समय और दिया जाए ताकि किसी के हाथ से पेपर ना छीना जाए।

गणेश उच्च विद्यालय से मैट्रिक पास करने के बाद नीतीश कुमार पटना साइंस कॉलेज में नामांकन कराया। उसके बाद उन्होंने बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। कौन जानता था कि या इलेक्ट्रिकल इंजीनियर 1 दिन बिहार का दबंग मुख्यमंत्री बनेगा ।

  • नीतीश कुमार की शादी

22 फरवरी 1973 को पैसे से शिक्षक मंजू सिन्हा के साथ इनकी शादी हुई। कहा जाता है कि नीतीश कुमार ने दहेज के पैसे में से ₹22000 लौटा दिया और कोर्ट में जाकर मंजू सिन्हा से शादी की थी।

  • राजनीतिक कैरियर

नीतीश कुमार की कैरियर की बात करें तो वह 1974 में जयप्रकाश नारायण के आंदोलन में भाग लिया था।

कांग्रेस क टक्कर देने के लिए जनता दल का गठन हुआ और वह पहली बार 1985 में विधायक चुने गए। 1989 में बाढ़ से सांसद चुने गए।

वीपी सिंह की सरकार में नीतीश कुमार कृषि राज्य मंत्री बनाए गए।। 1991 में बीपी सिंह की सरकार गिर गई तथा दोबारा सांसद का चुनाव हुआ जिसमें नीतीश कुमार फिर से सांसद चुने गए। 2001 से 2004 तक अटल बिहारी वाजपेई सरकार में रेल मंत्री बने। बिहार की जनता यह चाहती थी कि नीतीश कुमार बिहार की राजनीति को संभाले इस तरह नीतीश कुमार 2005 में एनडीए सरकार में बिहार के मुख्यमंत्री बने। हालांकि साल 2000 में भी वह मुख्यमंत्री बने थे लेकिन बहुमत सिद्ध ना होने के कारण 7 दिन के अंदर उन्हें कुर्सी छोड़ना पड़ा था।

बिहार में 2010 में दोबारा विधानसभा का चुनाव हुआ जिसमें नीतीश की पार्टी भारी बहुमत से जीत हासिल की तथा फिर बिहार के बागडोर को संभाला। इस तरह नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री के पद पर 15 साल तक बने रहे। अभी एनडीए सरकार से नाता तोड़कर महागठबंधन तेजस्वी सरकार के साथ फिर आठवीं बार मुख्यमंत्री के पद को संभाला है। एनडीए से नाता तोड़ने का मतलब नीतीश कुमार अपने आप को भावी प्रधानमंत्री के रूप में पेश करना चाहते हैं। और यही इच्छा महागठबंधन की भी है कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री के तौर पर अपने आप को पेश करें। 

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