Bihar News: जमुई के केरवातरी व जतहर गांव में साइकिल यात्रा ने मनाया खुशियों का त्यौहार दीपावली - Rajneeti Chowk : Hindi News हिन्दी न्यूज, Hindi Samachar, हिन्दी समाचार, Latest News, Rajneeti

राजनीति चौक के रिपोर्टर बनें

Breaking

Post Top Ad

Post Top Ad

Sunday, 27 October 2024

Bihar News: जमुई के केरवातरी व जतहर गांव में साइकिल यात्रा ने मनाया खुशियों का त्यौहार दीपावली

जमुई/बिहार (Jamui/Bihar), 27 अक्टूबर 2024, रविवार : चलो मिलकर योगदान करते है, कुछ दिये मिट्टी के उनके घर भी जला आते है, उनका घर आँगन भी रोशन कर आते है, किसी गरीब की दीवाली खुशहाल बनाते है। इसी उद्देश्य को लेकर साईकिल यात्रा एक विचार मंच ने भी नए अंदाज में दीपावली मनाई। लगातार 7 वर्षों से जरुरतमंद बच्चों के चेहरे की मुस्कान लाने के लिए प्रयासरत इस वर्ष भी प्रखण्ड परिसर,जमुई से निकलकर खैरा प्रखण्ड के सुदूर क्षेत्र केरवातरी तथा जतहर गांव पहुँचकर वहाँ के 120 गरीब परिवारों व बच्चों के साथ पौधारोपण-सह-खुशियों का त्यौहार दीपावली मनाई गई।
सभी सदस्यों के सहयोग से एकीकृत की गई जमा राशि से वहां के गरीब परिवार के महिलाओं के बीच मिठाई, दीपक, तेल, बत्ती तथा बच्चो के लिए चॉकलेट, खिलौने, कॉपी, कलम के साथ साथ मनोहर पोथी पुस्तक एवं बच्चियों को पेंसिल, कलर और खेल के प्रति रुचि रखने वाले खिलाड़ियों के बीच फुटबॉल का वितरण कर 460 वीं यात्रा भी पूर्ण की गईं।

इस मंच की ओर से जिला आइकॉन बेबी कुमारी ने कहा कि सभी सभी लोगों के घरों में नित्यादिन बिजली की चकाचौंध रहती है और लोग मिठाई व पकवान का आनंद लेते हैं। लेकिन वैसे परिवार जिसके यहां दिन को चुल्हा जलता है तो रात में जलेगा की नहीं इसकी कोई गारंटी नही होती है और वैसे परिवार दीपावली जैसे त्यौहार में भी मिठाई खाने तो दूर चखने से भी वंचित रह जाता है। इनके द्वारा यह भी बताया गया कि इनके घर में दीप जलेगा की नहीं यह भी कहना मुश्किल है। तो वैसे घर में दीप जलाना और दीपावली का त्योहार मनाना और उन सबों के घर में एक छोटी सी मुस्कान लाना ही सही मायने में दीपावली मनाना है। उन्होंने आम लोगों से अपील की है कि जो लोग सक्षम हैं वे अपने आस पड़ोस में इस तरह के गरीबों को ढूंढ़कर उसे मदद करने की अपील की है। ताकि उस बच्चे के चेहरे पर भी मुस्कान लौट सके।
सदस्य शेषनाथ राय के द्वारा लोगों से अपील की गई कि सभी लोगों को ग्रीन और इको फ्रेंडली दीवाली मनाना चाहिए। हर साल दीवाली के बाद देश भर में सेहत से जुड़ी समस्याओं में इजाफा होता है। इन समस्याओं से बचने के लिए हमें दिवाली मनाने के तरीके और मिजाज दोनों में बदलाव करने होंगे। इसके लिए हमें नेचुरल चीज़ का ज्यादा इस्तेमाल करना होगा जैसे कि प्लास्टिक सजावट की जगह घरों को पेपर या कपड़े से सजाये, पर्यावरण के अनुकूल पटाखे का चयन करें, दिए और मोमबत्ती का उपयोग करे, इको फ्रेंडली रंगोली बनाये, बिजली की खपत कम करें एवं सामाजिक जिम्मेदारी निभाये। दिवाली का त्योहार खुशी, प्रकाश और प्रेम का प्रतीक है। इस साल, इसे इको-फ्रेंडली (Eco-friendly Diwali) बनाकर हम न केवल अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ और स्वस्थ पर्यावरण छोड़ सकते हैं, बल्कि इसे मनाने के तरीके में सकारात्मक बदलाव भी ला सकते हैं।

इस कार्यक्रम में मंच की ओर से आकाश ठाकुर, राजीब कुमार ठाकुर, शेषनाथ रॉय, राहुल कुमार सिंह, रोहित कुमार, अमरेश कुमार, ओम कुमार सिंह, अजित कुमार, सिंटू कुमार , रणधीर कुमार, बंटी कुमार, शिवजीत कुमार, संजय कुमार, पंकज कुमार सिंह, राहुल ऋतुराज, लछमण मोदी, हरेराम कुमार सिंह, शरद कुमार, बिनय कुमार, रोहित कुमार, शिवशंकर एवं ग्रामीण कॉसमस हेम्ब्रम, जोसफ सोरेन, निकोलस मरांडी, शोभा खैरवार, सुनैना देवी, तेतरी देवी, सबीना मुर्मू, ललीता मुर्मू, शलीना मरांडी, थॉमस खेरवार, पीटर खेरवार सहित कई छोटे छोटे बच्चे शिवानी, शुष्मा, मोनिका, संदीप,अजीत, अनिल, सचिन, राजीब,सुभाष, किरण, सपना, साबित्री, पूनम, हेमलीन, महिमा, एनिष, अनुज मौजूद थे।

Post Top Ad