पटना/बिहार। बिहार के सरकारी स्कूलों में कार्यरत करीब पौने चार लाख नियोजित शिक्षकों को सरकार ने बड़ी सौगात दी है। राज्य सरकार ने नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने का निर्णय लिया है। इस प्रस्ताव पर मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आहूत कैबिनेट की बैठक में फ़ैसला लिया गया।
राज्य सरकार की ओर से अब नियोजित शिक्षकों को विशिष्ट शिक्षक की जगह सहायक शिक्षक का नाम देने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए पूर्व में तैयार संचिका में आवश्यक बदलाव किया गया। बताया गया है कि पहले से तैयार इस प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी मिल जाने के बावजूद नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा देनी होगी। इसके तहत सभी संबंधित को तीन बार मौका दिया जाएगा।
दूसरी तरफ जिन नियोजित शिक्षकों ने बीपीएससी परीक्षा पास कर ली है , उन्हें परीक्षा देने की जरूरत नहीं होगी। इसके अलावा 17 से 18 वर्षों से कार्यरत शिक्षकों को वरीयता का भी लाभ मिल सकता है। नारद मुनि के मुताबिक शिक्षा विभाग की ओर से सोमवार को क्रिसमस की छुट्टी होने के बावजूद इससे संबंधित प्रस्ताव तैयार कर लिया गया था और मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय लिया गया।
उल्लेखनीय है कि नियोजित शिक्षकों को इस फैसले का लंबे समय से इंतजार था। बताया जा रहा है कि जल्द ही शिक्षा विभाग की ओर से सक्षमता परीक्षा आयोजित की जाएगी। उसके बाद नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दे दिया जाएगा। राज्यकर्मी का दर्जा मिलने के बाद इन्हें भी अंकित सुविधाओं का लाभ मिलेगा।