नई दिल्ली/राजनीति चौक। नई दिल्ली में इस सप्ताह जी-20 शिखर सम्मेलन होने वाला है। भारत के लिए बड़ा अवसर होगा क्योंकि देश को पहली बार इसकी अध्यक्षता करने का मौका मिला है। इसमें अमेरिका , चीन , रूस , ब्रिटेन सहित 19 देशों के नेता शामिल होंगे जो इस समूह का हिस्सा हैं। सम्मेलन को लेकर राष्ट्रीय राजधानी को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। वहीं सुरक्षा के नजरिए से भी पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। इसके अलावा 30 से अधिक होटल बुक किए गए हैं जहां दुनियाभर के मेहमान ठहरेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति नई दिल्ली स्थित आईटीसी मौर्य शेरेटन होटल में ठहरेंगे। यहां एक रात का किराया लगभग आठ लाख रुपये है।
09-10 सितंबर 2023 को नई दिल्ली में जी-20 का 18वां सम्मेलन होगा। इसमें 19 देशों के राष्ट्र अध्यक्ष और सरकार के प्रमुख भाग लेंगे। इसके अलावा यूरोपीय संघ भी इस सम्मेलन में शिरकत करेगा। साथ ही नौ देशों के प्रमुख बतौर अतिथि देश जी-20 की बैठक में हिस्सा लेंगे। अंतरराष्ट्रीय संगठनों (यूएन , आईएमएफ , डब्ल्यूबी , डब्ल्यूएचओ , डब्ल्यूटीओ , आईएलओ , एफएसबी और ओईसीडी) और क्षेत्रीय संगठनों (एयू , एयूडीए-एनईपीएडी और आसियान) के अतिरिक्त जी-20 के अध्यक्ष के रूप में भारत की ओर से आईएसए , सीडीआरआई और एडीबी को अतिथि अंतरराष्ट्रीय संगठनों के रूप में आमंत्रित किया गया है।
दरअसल जी-20 दुनिया की प्रमुख विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का एक अंतर-सरकारी मंच है। इस समूह का भारत , अर्जेंटीना , ऑस्ट्रेलिया , ब्राजील , कनाडा , चीन , फ्रांस , जर्मनी , इंडोनेशिया , इटली , जापान , दक्षिण कोरिया , मेक्सिको , रूस , सऊदी अरब , दक्षिण अफ्रीका , तुर्की , ब्रिटेन , अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) हिस्सा हैं। भारत ने एक दिसंबर 2022 को इंडोनेशिया से इस बार की जी-20 की अध्यक्षता हासिल की थी।