एक आदर्शवादी और प्रशंसनीय राजनेता थे अटल बिहारी वाजपेयी, जानें अनसुने तथ्य - Rajneeti Chowk : Hindi News हिन्दी न्यूज, Hindi Samachar, हिन्दी समाचार, Latest News, Rajneeti

राजनीति चौक के रिपोर्टर बनें

Breaking

Post Top Ad

Post Top Ad

Thursday, 18 August 2022

एक आदर्शवादी और प्रशंसनीय राजनेता थे अटल बिहारी वाजपेयी, जानें अनसुने तथ्य


अटल बिहारी बाजपेयी का जन्म ग्वालियर में 25 दिसम्बर 1924 को हुआ| वाजपेयी मूल रूप से आगरा जिले के बटेश्वर के रहने वाले थे इसलिए उन्हें आगरा से खास लगाव था। भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी अच्छे राजनेता होने के साथ -साथ एक अच्छे कवि भी थे। ये गुण उन्हें अपने पिता से मिले थे। उनके पिता कृष्ण बिहारी वाजपेयी ग्वालियर रियासत में अपने समय के जाने-माने कवि थे।

अटल बिहारी बाजपेयी का जन्म ग्वालियर में 25 दिसम्बर 1924 को हुआ| वाजपेयी मूल रूप से आगरा जिले के बटेश्वर के रहने वाले थे इसलिए उन्हें आगरा से खास लगाव था। इनकी शिक्षा ग्वालियर के लक्ष्मीबाई कॉलेज से हुई|

अटल ने अपने करियर की शुरुआत पत्रकारिता से की| ‘पांचजन्य’, ‘राष्ट्रधर्म’ और ‘वीर अर्जुन’ जैसे अखबारों का इन्होंने संपादन किया|

  • 1968 से 1973 तक भारतीय जनसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। 1957 के लोकसभा चुनावों में पहली बार उत्तर प्रदेश की बलरामपुर लोकसभा सीट से विजयी होकर लोकसभा में पहुंचे।

  • ये 1957 से 1977 तक लगातार जनसंघ की ओर से संसदीय दल के नेता रहे। अपने ओजस्वी भाषणों से इन्होंने देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू तक को प्रभावित किया।

प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को वाजपेयी ने संसद में दुर्गा की उपाधि से सम्मानित किया था। 1975 में इंदिरा गाँधी द्वारा आपातकाल लगाने का वाजपेयी ने खुलकर विरोध किया, जिसकी वजह से इंदिरा गाँधी को 1977 के लोकसभा चुनावों में करारी हार झेलनी पड़ी।

  • 1977 से 1979 तक वाजपेयी देश के विदेश मंत्री रहे। विदेश मंत्री रहते हुए पूरे विश्व में भारत की अलग छवि बनाई और हिंदी में भाषण देने वाले देश के पहले वक्ता बने।

  • 1980 में जनता पार्टी के टूटने के बाद अपने सहयोगी नेताओं के साथ भारतीय जनता पार्टी की स्थापना की और पार्टी के पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष बने।

  • 1996 के लोकसभा चुनावों में ये पार्टी सबसे बड़े दल के रूप में उभरी और अटल देश के प्रधानमंत्री बनाए गए, लेकिन 13 दिन के बाद इन्होंने अपनी अल्पमत सरकार का त्यागपत्र राष्ट्रपति को सौंप दिया।

  • 1998 में भाजपा फिर बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। वाजपेयी दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने लेकिन 13 महीने बाद मुख्यमंत्री जयललिता के समर्थन वापस लेने से उनकी सरकार गिर गई।

  • 1999 के लोकसभा चुनाव में भाजपा फिर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में आई और 13 दलों से गठबंधन करके सरकार बनाई गई जिसमें अटल जी ने अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा किया।

प्रधानमंत्री रहते हुए पोखरण में पांच भूमिगत परमाणु परीक्षण विस्फोट कर सम्पूर्ण विश्व को भारत की शक्ति का एहसास कराया।

पाकिस्तान से संबंधों में सुधार की पहल की और पाकिस्तान की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाते हुए 19 फरवरी 1999 को सदा-ए-सरहद नाम से दिल्ली से लाहौर तक बस सेवा शुरू कराई।

कारगिल युद्ध की विजय का पूरा श्रेय अटल को दिया गया। भारत के चारों कोनों को सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना की शुरुआत की।


लगातार अस्वस्थ रहने के कारण इन्होंने राजनीति से संन्यास ले लिया। 16 अगस्त 2018 को इनकी मृत्यु हो गई।

  • 1992 में पद्म विभूषण, 1994 लोकमान्य तिलक पुरस्कार, 2015 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।

Post Top Ad