आडवाणी ने लिखा था कि 2008 में तत्कालीन अमेरिकी विदेश मंत्री कोंडालिसा राइस भारत आई थीं तो उस दौरान विपक्ष के नेता के तौर पर उनसे भी मिलने आईं। इस मुलाकात में लालकृष्ण आडवाणी ने यह मसला कोंडालिसा राइस से उठाया था।
भारत रत्न पाने वाले आडवाणी लिखते हैं, 'कोंडालिसा सरकारी यात्रा के दौरान मेरे घर पर आईं। भारत-अमेरिकी संबंधों और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक युद्ध इत्यादि विषयों पर चर्चा के अलावा मैंने नरेंद्रभाई मोदी को अमेरिका द्वारा वीजा देने से इनकार का मुद्दा उठाया। मैंने उनसे कहा कि यह शायद पहली बार हुआ होगा, जब दुनिया के विशालतम और जीवंत लोकतंत्र के एक प्रदेश के चुने हुए मुख्यमंत्री को वीजा के लिए इनकार कर दिया गया। लेकिन सबसे ज्यादा आश्चर्य हमें इस बात पर हुआ कि नरेंद्र मोदी द्वारा वीजा मांगा ही नहीं गया था और फिर भी वीजा से इनकार कर दिया गया।'
भारत रत्न पाने वाले आडवाणी लिखते हैं, 'कोंडालिसा सरकारी यात्रा के दौरान मेरे घर पर आईं। भारत-अमेरिकी संबंधों और आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक युद्ध इत्यादि विषयों पर चर्चा के अलावा मैंने नरेंद्रभाई मोदी को अमेरिका द्वारा वीजा देने से इनकार का मुद्दा उठाया। मैंने उनसे कहा कि यह शायद पहली बार हुआ होगा, जब दुनिया के विशालतम और जीवंत लोकतंत्र के एक प्रदेश के चुने हुए मुख्यमंत्री को वीजा के लिए इनकार कर दिया गया। लेकिन सबसे ज्यादा आश्चर्य हमें इस बात पर हुआ कि नरेंद्र मोदी द्वारा वीजा मांगा ही नहीं गया था और फिर भी वीजा से इनकार कर दिया गया।'