इस अवसर पर दिव्यांगों को उनकी ताकत का एहसास करवाते हुए संस्था की संस्थापिका सारिका दूबे ने कहां कि दिव्यांगता अभिशाप नही अवसर है।अवसर है खुद को स्थापित करने का,अवसर है खुद को साबित करने का। सूरदास आंखों के अंधे होने के बाद भी जो ज्ञान का प्रकाश दिए है उसकी ज्योति आज भी सारे संसार मे अलौकिक हो रही है। वही दिव्यांगों के अंदर ऊर्जा भरते हुए अवतार सिंह जी ने कहा कि "जीत तब ज्यादा सुनिश्चित होती है जब आप यह खुद से कहने लगते है कि मैं जीत कर रहूंगा, अर्थात् संकल्प से बड़ा आपका कोई अंग नही कोई सहारा नही|"
वही संस्था के महासचिव देव जायसवाल ने कहा कि दिव्यांगों की सेवा देव सेवा के समान हैं, आज विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर दिव्यांगों के ट्राइसाइकिल के ऊपर लगी हुई छतरी से दिव्यांगों के चेहरे पे आई मुस्कान हमें उनका आशीर्वाद दे रही है।कई वर्षों से हमारी संस्था दिव्यांगों की सेवा करती आ रही है।
इस पुनीत कार्यक्रम के दिन लोग संस्था के पदाधिकारियों में से महासचिव देव जायसवाल,कोषाध्यक्ष चितेश्वर सेठ,सचिव विकाश गुप्ता, रितिक ,मीडिया हेड सुदीक्षा दुबे, सदस्य प्रियंका गुप्ता एवं अन्य लोग उपस्थित रहे।