पटना/बिहार। बिहार में जाति आधारित गणना का काम अंतिम चरण में पहुंच गया है। गणना में शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। इस कार्य में कार्य में सरकारी शिक्षकों की ड्यूटी लगाए जाने की वजह से विद्यालय में पठन - पाठन का कार्य ठप हो गया है।
पिछले कुछ समय में विद्यालय में पढ़ाई - व्यवस्था को पटरी पर लाने को लेकर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने भरपूर कोशिश की थी। लेकिन फिर से जाति गणना का काम शुरू होने की वजह से सारी व्यवस्था बेपटरी हो गई है। अब एक बार फिर से केके पाठक ने शिक्षकों की ड्यूटी लेने को लेकर सभी डीएम को पत्र लिखा है।
शिक्षा विभाग के एसीएस ने पत्र के जरिए निदेश दिया है कि जाति आधारित गणना कार्य में शिक्षकों की ड्यूटी विद्यालय अवधि के बाद लें। उन्होंने आगे कहा कि जाति आधारित गणना से संबंधित कार्य लगभग पूरा हो गया है। अब डाटा एंट्री का कार्य शेष बचा हुआ है। इस स्थिति में उक्त डाटा एंट्री कार्य के लिए शिक्षकों की सेवा विद्यालय कार्य अवधि के बाद लेना उचित होगा।
उन्होंने सभी डीएम को संबोधित करते हुए कहा कि जाति गणना के शेष काम को पूरा किए जाने के लिए शिक्षकों की सेवा विद्यालय अवधि के बाद लेने हेतु अपने स्तर से उचित कार्यवाही करें।
दरअसल शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव की कोशिश है कि विद्यालय अवधि में शिक्षक स्कूल में रहें ताकि पठन - पाठन का कार्य हो सके। अगर शिक्षक विद्यालय अवधि के दौरान जाति गणना कार्य का डाटा एंट्री करेंगे तो इससे विद्यालय संचालन में बाधा उत्पन्न होगी। यही वजह है कि उन्होंने सभी डीएम से कहा है कि विद्यालय का समय खत्म हो जाय तब शिक्षकों को डाटा एंट्री के काम में लगाएं।