जमुई/बिहार। जमुई में प्रसिद्ध समाजसेवी भावानंद की अध्यक्षता में स्वयं सेवी संस्था " साथी " की महत्वपूर्ण बैठक आहूत की गई , जिसमें संगठन की नीतियों एवं कार्यक्रमों पर गंभीरता पूर्वक विचार किया गया। बड़ी संख्या में " साथी " के सदस्यों ने बैठक में शिरकत किया और सलाह एवं सुझाव साझा कर संगठन को और अधिक ताकतवर बनाने का संकल्प लिया। बैठक सौहार्द्रपूर्ण वातावरण में संपन्न हो गया।
" साथी " की प्रधान एवं जनप्रिय समाजसेविका डॉ. स्मृति पासवान ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि मानव सेवा ही सिमरन , इबादत और पूजा है। उन्होंने गरीबों , दलितों समेत हर वर्ग के जरूरतमंदों की समस्याओं के निदान के लिए मुहिम को और तेज किए जाने पर बल देते हुए कहा कि साथी के समर्थक गांव - गांव का भ्रमण कर वहां के लोगों को हक और हकूक के लिए सजग एवं सचेत करें। डॉ. पासवान ने संगठन की नीतियों एवं कार्यक्रमों की विस्तार से चर्चा की और इसे धरा पर सजीव किए जाने का संकल्प व्यक्त किया।
प्रसिद्ध समाजसेवी भावानंद ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि संगठन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए कार्यकर्ताओं को निष्ठा के साथ दायित्वों का निर्वहन करना होगा। उन्होंने शिक्षा , स्वास्थ्य , स्वरोजगार , बाल विवाह की रोकथाम , छुआछूत , दहेज प्रथा , अंधविश्वास आदि के क्षेत्र में बेहतर कार्य किए जाने पर बल देते हुए कहा कि इन कुरीतियों को मिटाकर हम स्वच्छ , सभ्य और सुसंस्कृत समाज का निर्माण कर सकते हैं। श्री भावानंद ने संगठन की मुखिया डॉ. स्मृति पासवान के कार्य संस्कृति की जमकर तारीफ की।
राइजिंग पब्लिक स्कूल के निदेशक मो. खुर्शीद आलम ने कहा कि बहन स्मृति पासवान ने पिछले छः - सात सालों में जमुई की जिंदगी को जिस सजगता से सजाने , संवारने , निखारने और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने की दिशा पहल किया है वह स्वर्णाक्षरों में अंकित करने के योग्य है। उन्होंने उनके कुशल नेतृत्व की सराहना करते हुए उनके स्वर्णिम भविष्य की कामना की।
समाजसेवी कृष्ण कांत मिश्रा , विजय कुमार , डॉ. बी. अभिषेक , डॉ. परवाज , नंदलाल सिंह , विरेंद्र सिंह , किशुन हेंब्रम , गुंजन सिंह , सूर्यावत्स , सत्यजीत मेहता , अशोक कुमार सिन्हा , राजीव रंजन , विशुनदेव मांझी समाजसेविका देवी कुमारी , अंजली समीरा किंडो , सुनीता , काजल शर्मा , पूजा शर्मा , मनीषा मरांडी , नंदनी मुर्मू , अनीता मुर्मू समेत कई लोगों ने बैठक को संबोधित किया और " साथी " के विस्तार किए जाने की वकालत की। इस अवसर पर दर्जनों महिला - पुरुष उपस्थित थे।