मोदी ने एक बयान जारी कर कहा कि देश की व्यावसायिक राजधानी में भूमि प्राप्त करने के लिए मुख्यमंत्री को एक बार भी दिल्ली या मुम्बई नहीं जाना पड़ा, जबकि पुरी में बिहार भवन के लिए जमीन आवंटित कराने के नाम पर उन्होंने चार्टर्ड विमान से पुरी यात्रा करने पर लाखों रुपये खर्च कराये।
उन्होंने कहा कि जब मैं सरकार में उपमुख्यमंत्री के नाते बिहार फाउंडेशन का काम देख रहा था, तब मुम्बई में फाउंडेशन के लिए जमीन के लिए केंद्र सरकार से पत्राचार शुरू किया था। मोदी ने कहा कि उस समय मुख्यमंत्री ने भी लीज पर सशुल्क भूमि उपलब्ध कराने के लिए पत्र लिख कर केंद्र सरकार से अनुरोध किया था।
मोदी ने कहा कि अब जब बिहार सरकार को भूमि आवंटन का पत्र मिल गया है, तब जीएसटी-सहित कुल प्रीमियम की राशि (155.33 करोड़ रुपये) एक माह के भीतर चुकानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह भूमि रेलवे स्टेशन के करीब है और यहां बिहार फाउंडेशन का भवन बनने से राज्य के उन हजारों लोगों को मदद मिलेगी, जो कैंसर के इलाज के लिए मुम्बई जाते हैं। मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार ने बिहार फाउंडेशन के लिए मात्र एक रुपये प्रति वर्गमीटर की दर से वार्षिक किराये (2752 रुपये) पर यह कीमती जमीन आवंटित की।