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Thursday, 4 May 2023

बिहार में गिरिराज के सीएम का चेहरा के रूप में सम्राट का नाम उछालने के बाद निकाले जाने लगे मायने

पटना, 4 मई। केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह के बिहार के मुख्यमंत्री के चेहरा के रूप में सम्राट चौधरी के नाम उछाले जाने के बाद अब इसके मायने निकाले जाने लगे हैं। इस बीच, हालांकि विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने भाजपा में सामूहिक नेतृत्व की बात की है।

दरअसल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए सम्राट चौधरी के लिए मंगलवार को बेगूसराय में अभिनंदन कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमें गिरिराज सिंह भी मौजूद थे। उसी दौरान गिरिराज सिंह ने लोगों से सम्राट चौधरी के मुख्यमंत्री चेहरा होने को लेकर नारे लगवाए।

गिरिराज सिंह ने पूछा कि बिहार का सीएम कौन? कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने जवाब दिया सम्राट चौधरी, सम्राट चौधरी। सिंह ने कहा कि बिहार में भी योगी जैसा सीएम चाहिए।

बिहार विधानसभा में अभी दो वर्ष की देरी है। यहां 2025 में विधानसभा चुनाव होना है। ऐसे में सीएम चेहरा को लेकर नारेबाजी को लेकर मायने निकाले जाने लगे। कहा यह भी जा रहा है यह भाजपा की एक रणनीति हो सकती है। इस बयान को जातीय नजरिए से देखें, तो ओबीसी वोट बैंक में यादवों के बाद सबसे ज्यादा संख्या बल कुर्मी-कोइरी का है। यादवों की आबादी तकरीबन 15 फीसदी है, तो कुर्मी-कोइरी की सात फीसदी के करीब हैं।

कुर्मी-कोइरी में भी कोइरी की आबादी ज्यादा है। ऐसे में राजद के यादव वोट बैंक का मुकाबला अगर किसी भी पार्टी को करना है तो उसमें कुर्मी-कोइरी वोट बैंक अहम भूमिका निभा सकता है। चौधरी कोइरी समाज से आते हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि ओबीसी वोट बैंक को साधने के लिए ऐसा किया गया हो सकता है।

इधर, विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय सिन्हा से जब इस संबंध में आईएएनएस ने पूछा तो उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सामूहिक नेतृत्व से चलती है और यहां पर मोदी और योगी जैसे लोग बड़े ही तप-तपस्या से निकलते हैं।

उन्होंने कहा कि लोग उन्हें स्वीकार भी करते हैं। भाजपा के किसी भी कार्यकर्ता का सपना साकार हो सकता है। यहां बूथ स्तर का कार्यकर्ता भी राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री बनता है। यहां कोई विवाद नहीं है। उन्होंने कहा कि सामूहिक नेतृत्व जिसे मुख्यमंत्री तय कर देगा, उसका हम सभी लोग स्वागत करेंगे।

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