इस मामले में सोमवार को रांची के सब रजिस्ट्रार वैभव मनी त्रिपाठी से पूछताछ की गयी है, जबकि रांची डीसी रह चुके आईएएस छवि रंजन से चार मई को दोबारा पूछताछ की जाएगी। इसके बाद आठ मई को रांची में न्यूक्लियस मॉल के मालिक विष्णु अग्रवाल से पूछताछ होगी। इसके अलावा जमीन की सौदेबाजी में शामिल तीन अन्य लोगों राजेश राय, भरत प्रसाद और लखन सिंह को भी समन किया गया है।
जमीन घोटाले का यह मामला सेना के कब्जे वाली जमीन से संबंधित है। साढ़े चार एकड़ जमीन की खरीद-बिक्री में फजीर्वाड़े की शिकायत मिलने पर झारखंड के दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल के आयुक्त ने जांच की थी। जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आ चुकी है कि प्रदीप बागची नाम के व्यक्ति ने फर्जी रैयत बनकर कोलकाता के जगत बंधु टी इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक दिलीप कुमार घोष को उक्त जमीन बेच डाली थी। जमीन की खरीद-बिक्री के लिए रजिस्ट्री में प्रदीप बागची ने जिस होल्डिंग नंबर से संबंधित दो अलग-अलग कागजातों को लगाया था, वह जांच में फर्जी मिले थे।
इसके बाद रांची नगर निगम की ओर से भी बरियातू थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। आयुक्त की जांच में सेना के कब्जे वाली जमीन का असली रैयत जयंत करनाड मिला था। इसके बाद ईडी ने पूरे मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत केस दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया था।