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Tuesday, 18 April 2023

जमुई : साईकिल यात्रा एक विचार के सदस्यों ने की कुंदर ग्राम की यात्रा, पर्यावरण संरक्षण का दिया संदेश

जमुई/बिहार (Jamui/Bihar), 18 अप्रैल 2023 : बीते रविवार को  साईकिल यात्रा एक विचार की समूह ने अपने साथियों के साथ लगातार 380वीं यात्रा के क्रम में जमुई प्रखण्ड परिसर से निकलकर कुंदर ग्राम तक की  यात्रा पूर्ण की गई। यात्रा का नेतृत्व सदस्य शिशुपाल कुमार ठाकुर के देख- रेख में किया गया। कुंदर ग्राम के निवासी आशा मेनका कुमारी एवं गायत्री कुमारी  के निजी भूमि पर अमरूद,अनार,कटहल,नीबू, शरीफा अन्य पौधों का पौधा रोपण किया गया।

 छोटे सदस्य राजीब कुमार ने आस पास के ग्रामीण बच्चों को इकट्ठा कर के पेड़ो के बारे में जागरूक करते हुए कहा जीवन की मुख्य सभी जरूरतें जैसे कि हवा, पानी, फल- फूल, दवा, सब्जियां हमें प्रकृति से मिलते है। जीवित रहने के लिए दो सबसे महत्वपूर्ण तत्व गर्मी और प्रकाश भी प्रकृति से ही प्राप्त होते हैं। स्वास्थ्य और प्रकृति के बीच का संबंध अनोखा है। प्रकृति  मन के नकारात्मक विचार और तनाव को कम करती है और मन को शांति, आनंद और ठंडक पहुंचाती है। प्रकृति के साये में रहने से शरीर रोगमुक्त हो जाता हैं।

 वही सक्रिय सदस्य अमीत आनंद ने ग्रामीणों को संदेश देते हुए कहा। पर्यावरण बचाने के लिए छोटी-छोटी एक्टिविटीज कारगर हो सकती हैं, लेकिन वो पर्याप्त नहीं। पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ का नारा ही पर्यावरण को नहीं बचा सकता। खुद को बदलना होगा जब तक प्रकृति हमारी अनमोल संपत्ति है।

 प्रकृति का हर रूप जैसे पौधे, जानवर, नदियाँ, पहाड़, चाँद, सूरज और बहुत कुछ हमारे लिए समान महत्व रखता है। एक तत्व की अनुपस्थिति मानव जीवन  में तबाही मचाने के लिए काफी है। वर्तमान समय में मानव की स्वार्थी गतिविधियों के कारण उसको काफी गहरा नुकसान हो रहा है।

प्रौद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने के लिए जंगलों की अंधाधुन कटाई हो रही है।जंगलों के कटने से प्राकृतिक संसाधनों की कमी हो रही है।प्रकृति हमें सहनशीलता, निरंतरता, निस्वार्थ भावना जैसे गुण सिखाती है। अगर हम चाहते है की  हमारी भावी पीढ़ी भी इस अनमोल सम्पत्ति का आनद और लाभ ले सके इसके लिए हमें अभी से प्रकृति का जतन करना होगा। प्रकृति की रक्षा करना हमारा धर्म और कर्म हैं
सदस्य रनधीर कुमार ने कहा ईश्वर ने हमें प्रकृति का उपहार देकर हमें अपना सच्चा प्यार दिया है। प्रकृति से हमें ईश्वरीय शक्ति का एहसास होता है। प्रकृति हमारा सबसे बड़ा मित्र है। प्रकृति से हमें जीवन में सहनशीलता, निरंतरता, निस्वार्थ, बलिदान, ईमानदारी और दृढ़ता जैसे गुण सीखने को मिलते है। हमें  प्रकृति के सभी घटकों का आनंद उठाना चाहिए।

अगर प्रकृति में हमारी रक्षा करने की क्षमता है, तो यह पूरी मानव जाति को नष्ट करने के लिए भी पर्याप्त शक्तिशाली है।घरती पर हमारी भावी पीढ़ी के अस्तित्व के लिए हमें  पर्यावरण का संतुलन बनाये रखना होगा। इसलिए पर्यावरण को स्वच्छ रखना हमारी अहम जिम्मेदारी है और इसके लिए सभी पृथ्वीवासियों को एकजुट होना होगा।

 यात्रा में उपस्थित सदस्य आकाश कुमार ठाकुर, रनधीर कुमार, बीपीन कुमार, अमीत आनंद,राजीव कुमार, शिशुपाल कुमार ,ग्रामीण बच्चे- अभिमन्यु कुमार, आदित्या कुमार,ऋषिका कुमारी,सोनाक्षी कुमारी, अंशु कुमारी,कुंदन कुमार विराट कुमार,गायत्री कुमारी, पंची देवी एवं बिट्टू कुमार, सोनू कुमार सहित अन्य ग्रामीण मौजूद थे।

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