रिम्स में डॉक्टरों-नर्सों की हड़ताल से 28 मरीजों की मौत पर हाईकार्ट ने सरकार से मांगा जवाब - Rajneeti Chowk : Hindi News हिन्दी न्यूज, Hindi Samachar, हिन्दी समाचार, Latest News, Rajneeti

राजनीति चौक के रिपोर्टर बनें

Breaking

Post Top Ad

Post Top Ad

Saturday, 25 February 2023

रिम्स में डॉक्टरों-नर्सों की हड़ताल से 28 मरीजों की मौत पर हाईकार्ट ने सरकार से मांगा जवाब

रांची, 25 फरवरी। जून 2018 में रांची स्थित मेडिकल कॉलेज रिम्स में जूनियर डॉक्टरों और नर्सों की हड़ताल के दौरान 28 मरीजों की मौत के मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि इस मामले में उसके स्तर से क्या कार्रवाई हुई और जिन लोगों की मौत हुई, उनके परिजनों को मुआवजा मिला या नहीं? हाईकोर्ट ने इस मामले को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर गुरुवार को सुनवाई की।

याचिका झारखंड छात्र संघ की ओर से दायर की गई थी। इसमें बताया गया है कि 1 जून 2018 को रिम्स में एक पेशेंट की मृत्यु कथित रूप से गलत ट्रीटमेंट की वजह से हो गई थी।

इसके बाद मृतक के परिजनों ने प्रोटेस्ट किया था। इसे लेकर रिम्स के जूनियर डॉक्टरों और मृतक के परिजनों के बीच झड़प हुई थी। इसके बाद रिम्स में 2 जून 2018 से जूनियर डॉक्टरों एवं नर्सों ने स्ट्राइक कर दिया था।

स्ट्राइक के दौरान रिम्स में संपूर्ण चिकित्सा व्यवस्था ध्वस्त हो गई। इस दौरान करीब 35 मरीजों का ऑपरेशन टल गया। 600 से ज्यादा मरीज रिम्स से बगैर इलाज के वापस लौट गए। इलाज के बिना 28 मरीजों की भी मौत भी हुई थी।

मामले को लेकर कोतवाली थाना में जिम्मेदार जूनियर डॉक्टरों एवं नर्स के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी, लेकिन जूनियर डॉक्टरों एवं नर्सों को नोटिस दिए जाने के अलावा कोई कार्रवाई नहीं हुई। याचिका में इस पूरे मामले की जांच कमेटी बनाकर करने और इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ एक्शन लेने की मांग की गई है।

चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए मौखिक तौर पर कहा कि रिम्स जैसे अस्पताल में मरीजों का उपचार अनिवार्य सेवा के अंदर आता है। ऐसे में चिकित्सकों एवं नर्सों की स्ट्राइक नहीं होनी चाहिए थी।

कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि इस मामले में क्या एक्शन लिया गया, मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने, उनके पुनर्वास करने आदि पर कोई पहल हुई या नहीं, हड़ताल करने वाले जूनियर डॉक्टरों एवं नर्सों पर कोई कार्रवाई हुई या नहीं। कोर्ट ने मामले की सुनवाई 16 मार्च निर्धारित की। कोर्ट में प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता मुख्तार खान ने दलीलें पेश की।

Post Top Ad