पटना (Patna), 22 अगस्त : लोजपा रामविलास एनडीए का हिस्सा नहीं है। साजिश के तहत कुछ लोग सोशल मीडिया में इस तरह का भ्रम फैला रहे हैं कि लोजपा रामविलास एनडीए का हिस्सा बन गया है। जबकि ऐसी कोई बात नहीं है। यह कहना है पार्टी के प्रदेश महासचिव व मुजफ्फरपुर जिले के प्रभारी रंजन सिंह का।
एक विशेष बातचीत में उन्होंने बताया कि उनकी पार्टी ने राष्ट्रपति चुनाव में महामहिम द्रोपति मुर्मू जी का इसलिए समर्थन किया क्योंकि वह आदिवासी समुदाय से आती है तथा इस समुदाय से कोई व्यक्ति राष्ट्रपति के पद पर आसीन नहीं हुआ था।
उन्होंने कहा कि बहुत सारे जनहित के मुद्दे हैं। जिस पर उनकी पार्टी का मत एनडीए से मिलता जुलता हो सकता है। पर उनकी पार्टी बिहार में अपना स्वतंत्र अस्तित्व कायम करने के लिए बुथ वार अभियान चला रही है। उनके पार्टी के नेता चिराग पासवान हैं जो जमुई से सांसद हैं। चिराग पासवान बिहार में विकास को लेकर बड़ा विजन लेकर आए हैं। वह शुरू से ही बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट का नारा दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जो लोग भ्रम फैलाते हैं, लोजपा रामविलास की लड़ाई सिर्फ नीतिश कुमार से है, यह गलत है। उनकी पार्टी के अगर किसी से मतभेद हैं, तो विकास को लेकर है, झूठे वायदे को लेकर है, जनता को दिग्भ्रमित करने को लेकर है। पर मनभेद किसी से नहीं है।
उन्होंने बताया कि 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने स्वतंत्र अस्तित्व कायम करने के लिए अकेले चुनाव लड़ा। पार्टी को आशा के अनुरूप सफलता नहीं मिली। पर इसका सबसे बड़ा खामियाजा बिहार के मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू को उठाना पड़ा। जो 40 से 45 सीटों पर इस कारण चुनाव हार गई कि वहां पर लोजपा के उम्मीदवारों को निर्णायक मत मिल गई।
रंजन सिंह ने कहा कि राजनीति में विचारधारा की लड़ाई होती है। राजनीति व्यक्तिगत दुश्मनी निकालने के लिए नहीं है। उन्होंने कहा कि कई बार ऐसे मौके आए जब रामविलास पासवान और चिराग पासवान ने जनहित में बड़ा त्याग किया।
हाजीपुर से चिराग पासवान के प्रेम को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि हाजीपुर रामविलास पासवान की कर्मस्थली रही है। वहां के एक-एक व्यक्ति से वे कनेक्ट थे। इसी कारण से चिराग पासवान भी हाजीपुर के लोगों के दिलों में बसते हैं।